ये अच्छा नहीं है
- nirajnabham
- Oct 15, 2021
- 1 min read
बेकार होने से बीमार होना अच्छा है
दर्द दिल का न सही
घुटनों का हो तब भी अच्छा है
तभी बच पाएँगे आप
खुद को जवाब देने से।
कड़े सवाल पूछता है आदमी
अपने आप से।
कोई पैरवी
कोई पहुँच
सब बेकार।
जवाब नहीं है!
तलाश में हो – तब भी अच्छा है।
लेकिन कब तक चलेगी तलाश
एक दिन कुबूल करना ही पड़ेगा –
कि असफल रहे तुम
क्योंकि खड़े नहीं रह सके तुम।
टूटे नहीं हो!
दरक गए हो- तब भी अच्छा है।
सच को सच मानना काफी नहीं
सच को सच कहना काफी नहीं
लड़ना पड़ता है।।
एक गलत को
सच मानते रहे ताउम्र
फिर भी ज़िंदा हो-
सच कहता हूँ- ये अच्छा नहीं है।
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