कौन सा विधान nirajnabhamFeb 6, 20221 min readहरी धरती औरनीले आसमान के बीच विचरती रहस्यमयीउन्मुक्त हवा सहलाती एक भाव सेलजीली कलियों औररंग की लपटें छोड़ती बिखरी पंखुड़ियों को सोचता हूँ-करेगा मुक्त आत्मा को कौन सा विधानहवा में घुलने के बाद।
सामर्थ्यहीन शब्दकर पाते व्यक्त अंतर्द्वंद्व, शब्द उन पलों के जब होता है संदेह अपनी ही उपलब्धियों पर खड़ा होता है अपने ही कठघरे में अपने ही सवालों से नज़र...
मानवता का छाताजब-जब देता है कोई मानवता की दुहाई धिक्कारती है मानवता हो जाने दे अर्थहीन गुम जाने दे शब्द- मानवता। सँजोने को निजता प्रमाणित करने को...
वे दिन ये दिनकितने लापरवाह थे दिन वे भी कितना पिघल आता था हमारे बीच जब खीजती थीं तुम और गुस्सा होता था मैं फिर किसी छोटे से घनीभूत पल में जाता था जम...
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